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युवा कौशल निधि

  • युवाओं को कौशल विकास और आर्थिक सहायता के माध्यम से सशक्त बनाने के लक्ष्य पर आधारित है ताकि वे सफल करियर बना सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक उनकी पहुँच सुनिश्चित हो सके।

1: रोजगार क्षमता में सुधार

  • युवा कौशल निधि का एक प्रमुख लक्ष्य छात्रों को ऐसे पाठ्यक्रम, करियर और पेशे पहचानने में सहायता करना है जो उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुरूप हों। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों- सामान्य प्रबंधन, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, कंपनी सचिव, कानून आदि से जुड़े पेशेवरों और उद्यमियों का एक सशक्त नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इन विशेषज्ञों में से कई वैश्विक कंपनियों में कार्यरत हैं, जो छात्रों को करियर मार्गदर्शन देंगे और उन्हें यह समझने में सहायता करेंगे कि वर्तमान जॉब मार्केट में कौन-से कौशल और योग्यताएँ सबसे अधिक आवश्यक हैं।
  • एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा, जहाँ छात्र करियर परामर्श, उचित शैक्षणिक दिशा चुनने में सहयोग और व्यक्तित्व विकास के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु पंजीकरण कर सकेंगे जिससे इंटरव्यू में सफलता की संभावना बढ़ेगी। पंजीकरण के बाद, छात्रों को उनके विषय क्षेत्र के अनुरूप उपयुक्त पेशेवर मेंटर से जोड़ा जाएगा जो उन्हें उनके चुने हुए क्षेत्र में दिशा-निर्देश देगा।
  • हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे उच्च-स्तरीय पेशेवरों का समूह तैयार करना है जो समाज को कुछ लौटाने की भावना से प्रेरित होकर युवाओं के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में अपना समय निवेश करें। ये पेशेवर अपने नेटवर्क या जिन कंपनियों में कार्यरत हैं, उनके माध्यम से छात्रों को नौकरी के अवसर भी उपलब्ध करवा सकते हैं।

2: छात्रों को वित्तीय सहायता का प्रावधान

  • यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर, किंतु मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है, विशेष रूप से यह योजना उन छात्रों के लिए है जो इंजीनियरिंग, चिकित्सा, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, कंपनी सचिव या कानून जैसे पेशेवर कोर्स कर रहे हैं।
  • पात्रता शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तय की जाएगी:
    • 10वीं और 12वीं में न्यूनतम 80 प्रतिशत अंक।
    • सरकारी या अन्य प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति (जैसे एनटीएसई) के प्राप्तकर्ता।
    • विश्वसनीय अधिकारियों (जैसे स्कूल प्रिंसिपल या कॉलेज डीन) के अनुशंसा पत्र।
    • जिस शैक्षणिक संस्थान में छात्र अध्ययन कर रहा है, उसकी गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
  • सहायता छात्रवृत्ति के रूप में दी जाएगी, जिसके तहत छात्र पर यह नैतिक दायित्व होगा कि रोजगार प्राप्त करने के बाद वह इस ट्रस्ट को किसी न किसी रूप में योगदान लौटाए। इस पुनर्भुगतान की व्यवस्था ट्रस्ट और कर (टैक्स) कानूनों की समीक्षा के बाद तय की जाएगी।
  • छात्रवृत्ति की राशि शैक्षणिक योग्यता और आर्थिक स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाएगी। जहाँ संभव होगा, राशि सीधे शैक्षणिक संस्थानों को हस्तांतरित की जाएगी। सहायता की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये प्रति वर्ष और कुल 2 लाख रुपये प्रति छात्र होगी, जिसमें छात्र का 50 प्रतिशत योगदान अनिवार्य होगा।

  • 3: छोटे व्यवसाय शुरू करने में सहयोग

    • उन छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना जो अपना छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
    • नौकरी खोजने की अपेक्षा आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना।
    • आर्थिक रूप से कमजोर, किंतु उद्यमशीलता की प्रबल इच्छा रखने वाले छात्रों को प्राथमिकता देना।
    • पेशेवर नेटवर्क के माध्यम से मेंटरशिप और व्यावसायिक सलाह प्रदान करना।